
शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने वाले 86वें संविधान संशोधन को संसद ने वर्ष 2002 में पारित किया था। इस मौलिक अधिकार को लागू कराने वाले कानून बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार अधिनियम को संसद ने पिछले साल पारित किया। संविधान संशोधन विधेयक और नया कानून दोनों आज से लागू हो गए हैं।
नए कानून के तहत राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के लिए अब यह सुनिश्चित करना बाध्यकारी होगा कि हर बच्चा नजदीकी स्कूल में शिक्षा हासिल करे। यह कानून सीधे-सीधे करीब उन एक करोड़ बच्चों के लिए फायदेमंद होगा जो इस समय स्कूल नहीं जा रहे हैं। उन बच्चों को, जो बीच में स्कूल छोड़ चुके हैं या कभी किसी शिक्षण संस्थान में नहीं रहे, स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।
सूचना के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के बाद शिक्षा का अधिकार संप्रग सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि बताया जाता है।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-104619.html