Friday, May 7, 2010

Death sentence handed but still a long way to the gallows for Kasab : Pak Media

पाकिस्तानी मीडिया में भी गुरुवार को कसाब को दी गई फांसी की सजा छाई रही। देश के प्रमुख अखबारों और खबरिया चैनलों की वेबसाइटों ने इसे सबसे ऊपर जगह देते हुए आगे की अदालती कार्यवाही और तौर-तरीकों पर टिप्पणी भी की।

प्रमुख खबरिया चैनल जियो न्यूज के अनुसार भले ही कसाब को विशेष अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई हो लेकिन इसे अमलीजामा देने में कई साल लग जाएंगे क्योंकि आगे की प्रक्रिया बेहद जटिल है और इसमें काफी वक्त लगेगा। कसाब का मामला अब हाई कोर्ट में जाएगा जहां एक साल से लेकर दो साल तक का समय लग सकता है। अगर हाई कोर्ट उसकी अपील को खारिज कर देता है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। वहां भी कुछ साल लग जाएंगे और अगर सुप्रीम कोर्ट भी उसकी याचिका को खारिज कर देता है तो वह भारत के राष्ट्रपति से दया की भीख मांग सकता है।

उसके बाद उस 'मर्सी अपील' को राष्ट्रपति द्वारा गृह मंत्रालय के पास उसकी टिप्पणी के लिए भेजा जाएगा। इसमें भी कुछ साल लग जाएंगे। गृह मंत्रालय कसाब की फाइल को महाराष्ट्र सरकार के पास भेजेगा। महाराष्ट्र सरकार की टिप्पणी के साथ वह फाइल राष्ट्रपति के सचिवालय में अंतिम निर्णय के लिए भेजी जाएगी। तब तक संभवत: वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और नया राष्ट्रपति आ चुका होगा। उस समय तक देश में अगला संसदीय चुनाव की गहमागहमी भी होगी।

News Source : http://www.livehindustan.com/news/videsh/international/2-2-116276.html

कसाब को फांसी देने में कई साल लगेंगे: पाक मीडिया

पाकिस्तानी मीडिया में भी गुरुवार को कसाब को दी गई फांसी की सजा छाई रही। देश के प्रमुख अखबारों और खबरिया चैनलों की वेबसाइटों ने इसे सबसे ऊपर जगह देते हुए आगे की अदालती कार्यवाही और तौर-तरीकों पर टिप्पणी भी की।

प्रमुख खबरिया चैनल जियो न्यूज के अनुसार भले ही कसाब को विशेष अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई हो लेकिन इसे अमलीजामा देने में कई साल लग जाएंगे क्योंकि आगे की प्रक्रिया बेहद जटिल है और इसमें काफी वक्त लगेगा। कसाब का मामला अब हाई कोर्ट में जाएगा जहां एक साल से लेकर दो साल तक का समय लग सकता है। अगर हाई कोर्ट उसकी अपील को खारिज कर देता है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। वहां भी कुछ साल लग जाएंगे और अगर सुप्रीम कोर्ट भी उसकी याचिका को खारिज कर देता है तो वह भारत के राष्ट्रपति से दया की भीख मांग सकता है।

उसके बाद उस 'मर्सी अपील' को राष्ट्रपति द्वारा गृह मंत्रालय के पास उसकी टिप्पणी के लिए भेजा जाएगा। इसमें भी कुछ साल लग जाएंगे। गृह मंत्रालय कसाब की फाइल को महाराष्ट्र सरकार के पास भेजेगा। महाराष्ट्र सरकार की टिप्पणी के साथ वह फाइल राष्ट्रपति के सचिवालय में अंतिम निर्णय के लिए भेजी जाएगी। तब तक संभवत: वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और नया राष्ट्रपति आ चुका होगा। उस समय तक देश में अगला संसदीय चुनाव की गहमागहमी भी होगी।

News Source : http://www.livehindustan.com/news/videsh/international/2-2-116276.html

Thursday, May 6, 2010

फूड रेंज जल्द ही शुरु होगी: शिल्पा

शिल्पा शेट्टी इन दिनों सुर्खियों में हैं। कारण आईपीएल विवाद और स्टार प्लस पर शुरु होने वाला रियलिटी शो ‘जरा नच के दिखा’ भी है, जिसकी वो मुख्य जज हैं। शिल्पा से उनके फूड बिजनेस, उनके स्पा, फिल्मों और रियलिटी शोज आदि के बारे में ढेर सारी बातें हुईं।

टीवी पर ये आपका तीसरा शो है। क्या आप तैयार हैं?

बेशक, मैं पूरी तरह से तैयार हूं। मैंने इसके दो एपिसोड्स शूट किये हैं और ये शो काफी रॉकिंग है। इसके प्रतियोगी हैरतंगेज हैं।

सनी देओल के साथ ‘दि मैन’ की क्या प्रोग्रेस है। सुना है कि आपने उस प्रोजेक्ट को थोड़ा आगे खिसका दिया था?

नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। सनी और प्रोडक्शन को लेकर कुछ दिक्कतें पेश आ रही थीं, जिनके बारे में मुझे कुछ खास नहीं पता। इस फिल्म की वजह से मैं कोई फिल्म भी साइन नहीं कर पा रही थी, क्योंकि मैं पहले से ही काफी व्यस्त थी।

फिल्म ‘डिजायर’ का क्या हुआ?

हां, ये सच है कि मैं उस फिल्म में काम कर रही हूं, बल्कि अपनी शादी के एक सप्ताह पहले तक मैं उसकी शूटिंग कर रही थी, लेकिन उसके बाद वैश्विक मंदी की वजह से फिल्म का काम थोड़ा रुक गया। फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के बाद शायद मैं फिल्म की रिलीज डेट्स आपको बता सकूं।

आप ऐसा क्यों मानती हैं कि टीवी आपके लिए लकी है?

सच ये है कि टीवी पर काम करने के लिए मुझे ज्यादा समय नहीं निकालता पड़ता और टीवी पर काम करके मुझे सफलता भी मिली है। बिग ब्रदर के बाद मुझे पूरी दुनिया में शोहरत मिली। इसके बाद मैं ‘बिग बॉस सीजन 2’ में आयी, जहां मैं अपने फैन्स के और करीब पहुंची।

शो में दो महिला जजों के साथ अरशद की हालत तो सैंडविच जैसी हो जाएगी?

(हंसते हुए) अरशद को तो वैसे भी महिलाओं के बीच बैठना पसंद है। वैभवी फिर भी न्यूट्रल रहती हैं, लेकिन मैं हमेशा लड़कियों की साइड ही लेती हूं।

क्या आप कोई अन्य शो भी करने वाली हैं?

फिलहाल, इस बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। शादी की वजह से मैंने कई ऑफर ठुकरा दिये थे। अब मैं धीरे-धीरे सैटल हो रही हूं।

अपनी प्रोडक्शन कंपनी के बारे में कुछ बताइये?

अपने प्रोडक्शन वाले काम में तेजी लाने के लिए मैं मचल रही हूं। प्रोडक्शन में आने के बाद ही मैंने जाना कि किस तरह से निर्माता-निर्देशक एक फिल्म को लेकर परेशान रहते हैं। फिलहाल हमारे पास निर्देशक तो हैं,
लेकिन सारी कहानी स्टार कास्ट को लेकर अटक गयी है।

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http://hindinewsinfo.wordpress.com/2010/05/07/फूड-रेंज-जल्द-ही-शुरु-होगी/


Wednesday, May 5, 2010

वजन घटाने का मौसम आया

गर्मियों के दिन हैं। स्लिम-ट्रिम बनने के लिए कुछ कर लीजिए। मौसम को समझिए, इसका फायदा उठाइए। माना गर्मी बहुत है, इस मौसम में कैसे कुछ हो सकता है, लेकिन बात यही सही है कि इस मौसम में वजन घटाना कहीं ज्यादा आसान है।

सफलतापूर्वक वजन घटाने के लिहाज से गर्मी का मौसम या तो सबसे अच्छा साबित हो सकता है या सबसे खराब। कई लोग गर्मियों में वजन घटाना चाहते हैं। उन्हें गर्मी का मौसम वजन घटाने वाला मौसम लगता है, लेकिन यह ऐसा मौसम है जब बहुत अधिक कैलोरी ग्रहण करने, सुस्ती तथा व्यायाम में कोताही आदि कारणों से शरीर का वजन भी बढ़ा सकता है।

इस मौसम में पसीना शरीर की ऊर्जा निचोड़ लेता है जिसके कारण शरीर सामान्य की तुलना में अधिक शुगर एवं नमक की मांग करता है। इसके अलावा, इस मौसम में हम बीयर, शीतल पेय, हर्बल टी और नींबू पानी अधिक पीते हैं और इन कारणों से हम अधिक कैलोरी ग्रहण करते हैं जिससे हमारा वजन बढ़ सकता है।

इस मौसम में आप जमकर पसीना बहाते हैं, हल्का भोजन और सलाद जो कम कैलोरीज के पैमाने पर आदर्श डाइट है, इस मौसम में रुचता भी खूब है। मोटापे की छुट्टी करने और कम कसरत में बेहतर नतीजे हासिल करने के लिहाज से गर्मी का मौसम ज्यादा अच्छा है, इसकी तस्दीक शोध भी करते हैं।

अमेरिकी साइंस रिसर्च सेंटर के शोधार्थियों ने गर्म जलवायु वाले कुछ देशों में इस तरह का शोध किया है। उनके शोध में यह बात सामने आई कि गर्मी में ठीकठाक पसीना बहाने, सलाद और हल्का भोजन लेने से लोगों का मोटापा कम हुआ, लेकिन कुछ लोगों पर इसका विपरीत असर पड़ा, जैसे शर्बत में ज्यादा मीठा लेने, फलों का ज्यादा सेवन करने और एल्कोहल की मात्र लेने से उनका मोटापा बढ़ा।

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Tuesday, May 4, 2010

5डी का आया ज़माना

कमरे में बैठकर बारिश में भीगने का मजा लेना चाहते हैं तो आइए फिल्म देखने चलते हैं। आप पूछ सकते हैं कि फिल्म देखने और भीगने का क्या रिश्ता है। रिश्ता तो आज के जमाने की टेक्नोलॉजी से है। 2डी और 3डी फिल्मों की बात भी अब पुरानी हो चली है, अब 5डी का जमाना आ गया है।

इसमें परदे से निकलकर जलपरी आपको छूती है, उठने वाले धुएं में आप घिर जाते हैं, बगीचे के फूलों की खुशबू आप को महसूस होती है, बादल गरजते हैं तो आप सहम जाते हैं, आंधी चलती है तो आप उसमें घिर जाते हैं। और इस सारे कमाल के पीछे 5 डायमेंशनल फिल्म टेक्नोलॉजी है।

इस टेक्नोलॉजी की खास बात यही है कि दर्शक परदे पर चल रही फिल्म से इस कदर जुड़ जाता है कि वह उसी का हिस्सा बन जाता है। लेकिन ऐसी फिल्मों को एक खास चश्मे के बिना नहीं देखा जा सकता।

छोटी फिल्में
एक समय बड़ी चर्चा थी 3डी की। ‘छोटा चेतन’ फिल्म ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन अब बात 4डी और 5डी की हो रही है। समय को लेकर इनमें एक फर्क तो यही है कि 3 डी फिल्में 2 से 3 घंटे की होती हैं, लेकिन 4डी और 5डी फिल्मों को उतने समय का नहीं बनाया जा सकता क्योंकि आपकी इन्वॉल्वमेंट इतनी अधिक होती है कि आप अधिक समय की फिल्म देख ही नहीं पाएंगे।

यदि आप हॉरर फिल्म देखने गए हैं तो लम्बे समय तक देखने से आपके दिमाग पर गलत असर पड़ सकते हैं। इसमें स्क्रीन इतनी पास होती है कि सबकुछ आपके इर्द-गिर्द होता ही लगता है। लिहाजा इन फिल्मों की अवधि रखी जाती है सिर्फ 12 मिनट से लेकर अधिकतम 20 मिनट तक, लेकिन फिर भी यह आपके दिल और दिमाग पर गहरा असर डालती हैं।

यही वजह है कि 20 मिनट से ज्यादा अवधि की फिल्म बनाने की न तो इजाजत है और न ही आप देख सकते हैं। यह स्पेशली डिजाइन की गई फिल्म होती है। 3डी में अब तक आप सिर्फ विजुअल इफेक्ट्स से रूबरू हुए थे। बात आगे चली तो 4डी में गति का समावेश हुआ और 5 डी तक आते आते सुपिरियरिटी के साथ साथ कई तरह के इफेक्ट्स जुड़ गए।

News Source : http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/technologyscience/67-70-112797.html

Sunday, May 2, 2010

आबादी की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक!

देश के जनसंख्या 102 करोड़ से बढ़कर कितनी होती है इसके पक्के नतीजे तो मार्च 2011 में ही पता चल पाएंगे। लेकिन कुछ समय पूर्व राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग ने भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय की मदद से जनसंख्या वृद्धि को लेकर जो प्रोजेक्शन किया, उसके अनुसार इस बार आबादी में गिरावट का रूझान दिखना शुरू हो जाएगा।

इसका यह मतलब नहीं है कि आबादी में इजाफा नहीं होगा। लेकिन वह तो बढ़ेगी ही लेकिन जनसंख्या की वृद्धि दर 1.6 से घटकर 1.3 रह जाएगी। दूसरे कुल प्रजनन दर (टीएफआर) भी 2.9 से घटकर 2.3 तक आने का अनुमान है। जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्यों के तहत भी टीएफआर को 2.1 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके हम काफी करीब पहुंच जाएंगे।

आजादी के बाद से यह पहला मौका होगा जब आबादी में गिरावट का ट्रेंड नजर आएगा। इस बात को यूं समझ सकते हैं कि 1971 में देश की कुल आबादी 55 करोड़ थी। जो 1981 में बढ़कर 68 करोड़ हो गई। इजाफा हुआ 13 करोड़ का। इसके बाद 1991 में जनसंख्या जा पहुंची 84 करोड़ और कुछ इजाफा हुआ 16 करोड़ का।

फिर 2001 में जनसंख्या हुई 102 करोड़ और आबादी में कुल इजाफा हुआ करीब 18 करोड़ का। इस वृद्धि दर के अनुसार अन्तरराष्ट्रीय एजेंसियों का आकलन है कि 2011 में भारत की आबादी बढ़कर 125 करोड़ हो जाएगी। यानी कुल इजाफा 23 करोड़ का होगा।

इसके विपरीत महापंजीयक कार्यालय और जनसंख्या आयोग ने पिछले आठ वषरे के दौरान प्रजनन दर में गिरावट के मद्देनजर जो आकलन प्रस्तुत किया है, उसके अनुसार 2011 में आबादी 119 करोड़ रहने का अनुमान है। यानी इसमें कुल इजाफा महज 17 करोड़ का होगा। इसका वृद्धि की दर पिछले दशक से कम होगी। आबादी में गिरावट के रूझान पर सकारात्मक है या नहीं इस पर जनसंख्याविदों में भारी मतभेद हैं। हालांकि फिलहाल यह अच्छा संकेत माना जाना चाहिए। लेकिन कुछ आकलन खतरे के संकेत भी देते हैं।

News Source : http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/chanbin/67-79-106460.html

आइपीएल ने की बड़ों-बड़ों की बोलती बंद

आइपीएल की चंकाचौंध बढ़ाने वाले जो चमचमाते, इठलाते और सुपर स्टारनुमा चेहरे पिछले दो-तीन साल में काफी इतराते हुए मीडिया से लेकर अपने ब्लॉग तक में अपनी टीम और उसकी भूमिका को महिमा मंडित कर रहे थे, उनकी आजकल बोलती बंद है। न तो कोई ट्विटर पर सफाई दे रहा है और ना ही कोई टीवी चैनलों पर बढ़-चढ़ कर बोल रहा है।

जिन्हें लगातार मीडिया से मुखातिब होने का शौक रहा है वे भी इस मामले से बच निकलने में ज्यादा बेहतरी समझ रहे हैं। लेकिन अब दूसरा पक्ष है कि उसे खुलकर बोलने का मौका मिल रहा है। जो लोग अदालती ताकत पर ज्यादा भरोसा करते हैं, वे उस तरफ जाकर अपना पक्ष रखने और दूसरों की क्लास लेने की जुगत में जुट गए हैं।

आयकर छापों के अलावा मामला स्टांप चोरी का हो या राज्य सरकार के प्रति अनियमितताएं बरतने का, खोज खबर ली जा रही है। किंग्स इलेवन पंजाब की सहमालिकान प्रीति जिंटा और नेस वाडिया सहित केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड के चार पदाधिकारियों को करोड़ों के मामलें में 19 जुलाई को कोर्ट में पेश होना है।

News Source : http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/chanbin/67-79-112650.html